किताबों से दोस्ती:- "यह लेख सकारात्मक सोच भाग 3 पुस्तक पढ़ने से लाभ क्या है इसके बारे में है ,पुस्तक पढ़ने से एकाग्रता को कैसे बढ़ाया जाए,पुस्तक पढ़ने से तनाव कम करने में मदद मिलती है,इस लेख को पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि पुस्तक बहुत महत्वपूर्ण क्यों है? आपको पुस्तक के साथ दोस्ती क्यों करनी चाहिए,सकारात्मक सोच भाग 3"
किताबें अनिवार्य भले न हों , पर अनिवार्य होने के बहुत करीब की चीज हैं। यह कुछ नया सोच पाने को संभव बनाती है , जिसके बिना हम अधूरे से है। जापानी फिल्म कर अकीरा कुरोसावा कहते थे कि ऐसा लगता है जरूर है कि किताबें आपको एकांत की ओर ले जाती हैं, पर इन्होंने हमेशा मुझे हमेशा एकांत से बाहर किया और आसपास की दुनिया के प्रति सकारात्मक बना दिया ।
हम किताबों को ज्यादातर अपनी बौद्धिकता बढ़ाने का जरिया भर मानते हैं , जबकि इसके साथ-साथ यह जीवन जीने की कला से हमारा परिचय कराती हैं । अमेरिकी विचारकों शिक्षा शास्त्री फॉरेन फॉरेन कहते थे कि किताबों के बिना जीवन खिड़कियों के बिना घर के समान है । यह हमें दुनिया भर के विचारों से भर्ती है यहां विख्यात दर्शनीय को कहते थे कि अगर आपके पास पुस्तकालय और बगीचा है, तो आपके पास सब कुछ है जरूरी नहीं कि किताबों का मतलब सिर्फ साहित्य से लगाया जाए । किसी भी विषय की किताब जो मन के विषय को अनुकूल हो जानी चाहिए , कहते हैं कि मैं अगर नए तरीके से सोच पाने में 1% सफल हो तो इसका 99% किताबों को दिया जाना चाहिए ।पढ़ने को दी जानी चाहिए ,पर लोगों की राय अलग अलग है इसका जवाब ज्यादा से ज्यादा दे सकता है ,तो कोई कम से कम घंटे भर। दरअसल लोगों के पास आज समय की कमी है, इसलिए यह सवाल तक में शामिल है। exex यूनिवर्सिटी से तनाव और पुस्तकों के संबंध पर शोध करके पाया कि महज 6 मिनट पढ़ने से तनाव का स्तर 68% कम हो जाता है।
मुझे आशा है कि आपको यह लेख पसंद आएगा सकारात्मक सोच भाग 3 :-किताबों से दोस्ती ,हिंदी में किताबों के महत्व पर उद्धरण, हिंदी में किताब पढ़ना
यह छवि पुस्तक पढ़ने, हिंदी में छापने की किताब के लाभ और पुस्तक के साथ दोस्ती करने की कोशिश के बारे में हैकिताबों से दोस्ती ,हिंदी में किताबों के महत्व पर उद्धरण, हिंदी में किताब पढ़ना |
किताबों से दोस्ती ,हिंदी में किताबों के महत्व पर उद्धरण, हिंदी में किताब पढ़ना
किताबें अनिवार्य भले न हों , पर अनिवार्य होने के बहुत करीब की चीज हैं। यह कुछ नया सोच पाने को संभव बनाती है , जिसके बिना हम अधूरे से है। जापानी फिल्म कर अकीरा कुरोसावा कहते थे कि ऐसा लगता है जरूर है कि किताबें आपको एकांत की ओर ले जाती हैं, पर इन्होंने हमेशा मुझे हमेशा एकांत से बाहर किया और आसपास की दुनिया के प्रति सकारात्मक बना दिया ।
हम किताबों को ज्यादातर अपनी बौद्धिकता बढ़ाने का जरिया भर मानते हैं , जबकि इसके साथ-साथ यह जीवन जीने की कला से हमारा परिचय कराती हैं । अमेरिकी विचारकों शिक्षा शास्त्री फॉरेन फॉरेन कहते थे कि किताबों के बिना जीवन खिड़कियों के बिना घर के समान है । यह हमें दुनिया भर के विचारों से भर्ती है यहां विख्यात दर्शनीय को कहते थे कि अगर आपके पास पुस्तकालय और बगीचा है, तो आपके पास सब कुछ है जरूरी नहीं कि किताबों का मतलब सिर्फ साहित्य से लगाया जाए । किसी भी विषय की किताब जो मन के विषय को अनुकूल हो जानी चाहिए , कहते हैं कि मैं अगर नए तरीके से सोच पाने में 1% सफल हो तो इसका 99% किताबों को दिया जाना चाहिए ।पढ़ने को दी जानी चाहिए ,पर लोगों की राय अलग अलग है इसका जवाब ज्यादा से ज्यादा दे सकता है ,तो कोई कम से कम घंटे भर। दरअसल लोगों के पास आज समय की कमी है, इसलिए यह सवाल तक में शामिल है। exex यूनिवर्सिटी से तनाव और पुस्तकों के संबंध पर शोध करके पाया कि महज 6 मिनट पढ़ने से तनाव का स्तर 68% कम हो जाता है।
मुझे आशा है कि आपको यह लेख पसंद आएगा सकारात्मक सोच भाग 3 :-किताबों से दोस्ती ,हिंदी में किताबों के महत्व पर उद्धरण, हिंदी में किताब पढ़ना
Post a Comment