इस 15 august independence day में सकारात्मक सोच भाग in Hindi 17 :- खुद पर पूरा भरोसा ना होना भी अच्छा है
"यह आलेख सकारात्मक सोच इस
15 august independence day 2018 |
खुद पर पूरा भरोसा ना होना भी अच्छा है
किसी भी नई शुरुआत से पहले मन थोड़ा घबराता है भरोसा डगमगाने लगता है फिर भले ही हम कुशल हो और कितने ही बढ़िया काम कर चुके हो क्या मैं कर सकूंगा मुझ में इतनी ताकत कहां मैं इतना सुंदर नहीं काम नहीं हुआ तो जैसे खुद से जुड़े कुछ सवाल बेचैन करती ही है हालांकि ऐसा सब के साथ होता है पर हमें लगता है कि हम ही हैं जो खुद पर भरोसा की कमी से घिरे रहते हैं।
खुद पर भरोसा बनने में समय लगता है कई बार ज्यादा ही लग जाता है इस वजह से कई बार लोग हम पर हंसते भी हैं तो कोई बार हमें हम ही खुद पर झुंझला उठते हैं पर ना ही हमारे यह डर बेवजह होते हैं और ना ही तरक्की में रोडवेज बस सफलता पाने की कड़ियां है अपने एक इंटरव्यू में मशहूर टेनिस खिलाड़ी वीनस विलियम्स कहती हैं खुद पर संदेह होना सामान्य है और सब को होता है खुद पर भरोसा होना और डगमगाना दोनों ही सच है सब इसका सम्मान करते हैं खुद पर सवाल करना तरक्की में रोड़ा नहीं होता यह एक तैयारी है मनोविज्ञानी = मर कभी कहती है पूर्ण आत्मविश्वास सही नहीं होता हमें खुद पर भरोसा और सही नतीजे पाने के लिए होने वाले संडे के बीच संतुलन बनाना होता है और इसकी जरूरत हमेशा होती है कई बार खुद पर उठने वाले यह सवाल हमें बेहतर विकल्प और नतीजों तक पहुंचाते हैं अभिनेता और हास्य कलाकार मिशेल पैलिन कहते हैं खुद पर भरोसे की कमी से खड़े हुए सवालों से जूझना ही मेरी प्रेरणा है मैं खुद को गलत साबित करने हुए आगे बढ़ता हूं ।
डर को सुनने , झुंझलाए नहीं
भरोसे में कमी होना एक बात है और बिलकुल भरोसा ना होना अलग चुनौती सामने हो तो थोड़ी सावधानी लाजमी है फिर भरोसे की कमी के कारण क्या है यह समझना भी जरूरी है हमारे कुछ डर हमारे सही परफेक्ट और सफल होने जैसी चाहत से जुड़े होते हैं पर कुछ संदेश शर्मिंदगी कुंठा यस या जलन वहीं भावों की उपज होते हैं जिनकी वजह से हम कामों की टालने लगते हैं बेचैन रहते हैं अवसाद से घिरे रहते हैं
मनोविज्ञानी कहते हैं कि हम जितना अधिक इन भावों से घिरे होते हैं उतना ही डरा हुआ महसूस करते हैं उतना ही ज्यादा झुंझलाते हैं समस्या तो भी यही है हमें खुद के भरोसे की कमी से नहीं हिलता के दुष्चक्र से बाहर निकलना होता है जिसके लिए पूरे बुरा भला नहीं पर थोड़ा भरोसा खुद पर रखना ही होता है।
* मन में कई सारे विचार और सवाल एक साथ दौड़ रहे हैं तो किसी अनुभवी या गरीबी की मदद लें ऐसे लोगों से बात करें जो आपको सुनाई वह समझे।
*गलत वह बुरी सोच वालों की जगह ऐसे लोग के साथ रहे जो आपकी शुभचिंतक हो जो चापलूसी करने या छोटा एहसास कराने की जगह आपको सही सलाह दें आप को प्रेरित करें।
*पिछली गलतियों के लिए खुद को माफ करें हर समय उनका बोझ खुद पर ला देना रहें एक समय गलती हुई है तो हमेशा गलती होगी ऐसा नहीं है.
*हवाई लक्ष्य ना बनाएं छोटे छोटे कदम बढ़ाए इससे खोया हुआ भरोसा भी लौट आएगा.
*सबको खुश करने की कोशिश ना करें वह करें जो ज्यादातर को खुशी दे जो आपको खुशी दे!
*खुद पर सवाल उठाना है जरूरी-
खुद पर उठने वाले सवालों के कई फायदे हैं बिजनेस स्लो एग्जिट TV कोच श्रीधर लक्ष्मण कहते हैं अपनी कमियों पर नजर रख पाते हैं उन्हें समय पर सुधार पाते हैं अति आत्मविश्वास ना होने के कारण अच्छी योजना बनाने पर ध्यान देते हैं सही लोगों से संसाधनों से जुड़ते हैं।
पूरा भरोसा किसी को नहीं होता असुरक्षा का भाव हरमन में पालती मारकर बैठा होता है जो कभी ना हमें पीछे हटने के लिए कहता है तो कभी खुद को बार-बार तोड़ने और संभालने के लिए पर क्या कदम बढ़ाने से पहले थोड़ी तैयारी जरूरी नहीं.
मुझे उम्मीद है कि आपको यह सकारात्मक लेख पसंद है अंदर की आवाज़ें अनसुना ना करें ताकि आप प्रेरित हो जाएं और अपने जीवन में मुस्कुराते रहें
आने के लिए धन्यवाद !!।इस
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