सकारात्मक सोच की शक्ति भाग 16:- तनाव मुक्ति की राह
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सकारात्मक सोच की शक्ति भाग 16:- तनाव मुक्ति की राह(in hindi) |
तनाव मुक्ति की राह
इन दिनों दुनिया भर में मानसिक बीमारियां बढ़ रही हैं पर इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है रोग का इलाज हो जाता है लेकिन मनोवृति से कोई दूसरा छुटकारा नहीं दिला सकता मन गलत कामों का जिम्मेदार होता है तो अच्छे भी करवाता है यह ऐसी समस्याएं हैं जिनका हल हमें खुद ही ढूंढना पड़ता है लेकिन हम हल ढूंढने की बजाय तनाव को जीवनसाथी की तरह अपना लेते हैं किसी भी शारीरिक मानसिक या भावनात्मक चुनौती के उद्दीपन का जवाब तनाव ही होता है इसमें हंसकर हर कोई खुद को व्यस्त रखता है कुछ तो यह कहते हैं कि डेडलाइन के तनाव में काम अच्छा हो जाता है यह समझना जरूरी है कि निरंतर तनाव शोर प्रदूषण और काम का दबाव कमजोर होते रिश्ते हर समय थका शरीर कहां तक जूझने की ताकत रख सकता है ?
Amsterdam के ड्रग रिसर्च सेंटर ने यह साबित कर दिया है कि तनाव से व्यक्ति को छोटी बात बड़ी लगने लगती है शांत व्यक्ति हिंसक तक बन सकता है मन और अहम व्यक्ति को चिंता में डाले रहते हैं क्योंकि वह हारना नहीं चाहते मनोविज्ञान का सुझाव है कि ऐसे में जीवन में बदलाव लाया जाए जो यह समझ लेगा कि लगातार तनाव नुकसानदायक है और जो उससे बचने की कोशिश करेगा वह ना सिर्फ खुद को स्वस्थ करेगा बल्कि अपने आसपास भी बेहतर इलाज सकेगा इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि हमें अपने रिश्तो में मजबूती लानी होगी इस इनके सहारे खुद पर विश्वास बढ़ेगा दूसरों में दोष देखने और हर समय की होड़ से छुटकारा भी मिलेगा यह लंबी प्रक्रिया है जिसका कोई शॉर्टकट नहीं है।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह सकारात्मक लेख
आने के लिए धन्यवाद !!।
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