कस्तूरी का मिर्ग ज्यों
positive thought in Hindi
यह लेख सकारात्मक सोच के लाभ और शक्ति से संबंधित है जो किसी भी इंसान की विचार प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है कस्तूरी का मिर्ग ज्यों positive thought in Hindi
सच्चाई केवल इस बात में नहीं कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूम रही है बल्कि अपनी धुरी का सबका नृत्य चल रहा है पर्यटन मानव जाति का ही स्वभाव नहीं वह जड़ से चेतन तक का स्वभाव है जिसे हम प्रदक्षिणा कहते हैं वह भी अपनी धुरी पर घूमते ही ही जैसा है यह प्रत्यक्षता भले ही अपने स्थान पर होती है पर माना जाता है कि हम ने पृथ्वी को माप
लिया है दो कथाएं प्रसिद्ध है गणेश और कार्तिकेय की श्रेष्ठा की जांच इस बात पर निर्भर थी कि कौन संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा पहले कर पाता है कार्तिकेय अपने वाहन मयूर पर उड़ चले गणेश महाकाली तंदूर पर बुद्धिमानी थे उन्होंने अपने माता-पिता की पर दीक्षिता कर ली यह परिक्रमा संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा से श्रेष्ठ हरि कथा में कहा गया कि महान ज्ञान यज्ञ का स्थान पृथ्वी के मध्य में होना चाहिए यज्ञ का प्रारंभ हुआ तो विरोधी चिल्लाए यह स्थान पृथ्वी का मध्य भाग कैसे रिसीव ने कहा कि तुम ही पृथ्वी माफ कर बताओ कि यह मध्य भाग है या नहीं।
हम सभी बाहर ज्यादा भटक रहे हैं उस पृथ्वी पहाड़ पेड़ पौधे झरने नदी समुद्र लोगों के रीति रिवाज रहन सहन भोजन और व्यवहार का आनंद ले रहे हैं थोड़ा अपने अंदर भी तो घूम जाएं हर्ष विवाद अपने गुण अवगुण प्रति और दिवेश की खोजबीन करें ध्यान में यह दुनिया और भी सुंदर होकर निखरकर प्रकट होती है वहां मित्रता नहीं होती हम अपने भीतर देवी मित्रता का अनुभव करें और कस्तूरी का मेरा घर जाओ फिर फिर ढूंढे घाट कस्तूरी मृग की तरह सुगंध की खोज में हमें फिर फिर घर ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी पूरी दुनिया आत्माएं हो जाएगी
कस्तूरी का मिर्ग ज्यों positive thought in Hindi
Post a Comment