Difference between Credit Score और Cibil score को लेकर हैं
Credit Card इस्तेमाल करने वाले ग्राहक अक्सर
सिबिल स्कोर को लेकर चर्चा करते होंगे।
क्रेडिट कार्ड
या बैंक से लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बहुत
जरूरी होता है। सिबिल स्कोर के जरिये यह तय
होता
है कि लोन मिलेगा या नहीं, और अगर मिलेगा तो
कितना मिलेगा। कई दफा लोग सिबिल स्कोर और
सिबिल रिपोर्ट को लेकर यह समझ नहीं पाते कि यह
क्या है। आज हम इस खबर में आपको
सिबिल स्कोर
और सिबिल रिपोर्ट के बारे में बता रहे हैं।
सिबिल रिपोर्ट में आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को लेकर
सारी जानकारी शामिल होती है। इसमें निजी
जानकारी, कॉन्टैक्ट डिटेल, जॉब से जुड़ी जानकारी,
लोन खाता, क्रेडिट का ब्योरा शामिल होता है।
सिबिल
रिपोर्ट तैयार करने के लिए आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के
पिछले 36 महीनों को देखा जाता है।
Cibil Score सिबिल स्कोर में तीन अंको का
जिक्र
होता है। इससे यह पता चलता है कि लोन का पेमेंट
टाइम से किया गया है या नहीं, आप कभी लोन से
चूके तो नहीं, आपने ब्याज का भुगतान पूरा किया है।
आपके क्रेडिट कार्ड से जुड़ी हर जानकारी सिबिल
स्कोर में होती है।
सिबिल स्कोर यह बताता है कि बीते 24 महीनों में
आपने कर्ज के भुगतान में कैसा रुख अपनाया।
सिबिल स्कोर तैयार करने के लिए ग्राहक के छह
महीने से ज्यादा की क्रेडिट इंफॉर्मेशन ली जाती है।
सिबिल स्कोर 300 और 900 के बीच होता है।
आमतौर पर 750 से 900 के करीब वाले स्कोर को
लोन के लिए अच्छा माना जाता है।
उधार चुकाने के प्रति अच्छा रुख रखकर समय के
साथ उनका क्रेडिट स्कोर बन जाता है. इसके लिए
समय से किस्तों का भुगतान, क्रेडिट यूटिलाइजेशन
लिमिट जैसी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. कुछ
समय तक क्रेडिट के बारे में जानकारी जुट जाने के
बाद सिबिल स्कोर तैयार हो जाता है. यह 300 और
900 के बीच होता है.
स्कोर 900 के जितना करीब होता है, उसे उतना ही
अच्छा माना जाता है. लोन मंजूर होने की उम्मीद भी
बढ़ जाती है. सच तो यह है कि 79 फीसदी लोन
750 से ज्यादा सिबिल स्कोर वाले उपभोक्ताओं को
आवंटित किए जाते हैं. ..